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PLANET IN LIFE

Monday, 19 March 2018

লাল কিতাব



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লালকিতাব 

১ম ঘর রবি 
২য় ঘর রাহু
৩ য় ঘর ০০০
৪র্থ ঘর ০০
৫ম ঘর মঙ্গল 
৬স্থঘর বৃহস্পতি
৭ম  ইউ
৮ম ঘর কেতু 
৯ ম ঘর ০০০
১০ ম ঘর ০০
১১ শ শনি মঙ্গল 
১২ শ শুক্র বু্ধ 

লাল কিতাব অনুসারে কায়েমী ঘর 
প্রথম ঘর মঙ্গল ,দ্বিতীয় ঘর শুক্র তৃতীয় ঘর বুধ চতুর্থ ঘর চন্দ্র পঞ্চম ঘর রবি ষষ্ঠ ঘর বুধ সপ্তম ঘর শুক্র অষ্টম ঘর মঙ্গল নবম ঘর বৃহস্পতি দশম ঘর শনি একাদশ ঘর শনি দ্বাদশ ঘর বৃহস্পতি 
লাল কিতাবের ঘর জন্মকুণ্ডলী 
লগ্ন  বৃহস্পতি দ্বিতীয় শুক্র তৃতীয়  বুধ চতুর্থ  চন্দ্র পঞ্চম রবি ষষ্ঠ বুধ সপ্তম শুক্র অষ্টম মঙ্গল নবম বৃহস্পতি দশম শনি একাদশ শনি দ্বাদশ বৃহস্পতি

প্রথাগত জ্যোতিষ থেকে লাল কিতাবের গ্রহের কারকত্বে পার্থক্য আছে , লাল কিতাবের পদ্ধতি ঘরের গুরুত্ব কম দেওয়া হয়েছে এখানে গ্রহের গুরুত্ব বেশি দেওয়া হয়েছে ।
প্রথম ঘর ব্যক্তির নাম ,উত্তরাধিকার , গৃহ তার জমি জমার জ্ঞান ্‌আগের জন্মের কর্মফলের সমন্ধ যা এই জন্মে ভোগ করতে হবে । স্কুটার ,কার ,বাহনের সাথেও সম্পর্ক । জাতক নিজের মেহনতের দ্বারা উপার্জিত অর্থ কে সমন্ধ আছে । প্রথম ঘরের কারক  রবি । ুউচ্চ ফল দেয় আর এখানে শনিকে নীচ মানা হয় ।
জন্ম কুণ্ডলীর দ্বিতীয় ঘর আমাদের ঐশ্বয ,ধন সম্পদ বোধক ,এখান থেকে বুঝতে জাতক এর মান সন্মান এবং তার ধন সম্পদ , কিভাবে তার জীবন কাটবে ।
তৃতীয় ঘরের কারক মঙ্গল যদিও এই ঘরের মালিক বুধ । এই ঘরের মঙ্গল প্রভাব শালি হবার ফলে বুধ নিস্কিয় হয়ে পড়ে ।

চতুর্থ ঘরের মালিক চন্দ্র , এই ঘরে চন্দ্র উচ্চ ফল দেয় ।
পঞ্চম ঘর সন্তানের ঘর  , আমাদের ভাগ্য কেমন হবে এই ঘর থেকে জানতে পারি । এখান থেকে জাতকের বিদ্যা অনুমান করতে পারি । এই বিদ্যা দ্বারা অর্জিত ধনের নির্দেশ দেয় এই ঘর । এই ঘর জ্ঞানের মন্দির ।
ষষ্ঠ ঘর কে পাতাল ঘর বলা ।
সপ্তম ঘর মেদিনী দুনিয়া বলা ,লাল কিতাব অনুসারে বুধ ও শুক্র এই ঘরে কারক ।
অষ্টম ঘর এই ঘর কে মৃত্যু ঘর বলা হয় ।
নবম ঘর এই ঘর ভাগ্যের বুনিয়াদ বলা হয় । এই ঘর থেকে জানতে পারি আমার ভাগ্য কি দেবে । আমাদের ভাগ্যের কারক ঘর নবম ঘর ।
দশম ঘর আমাদের কর্ম চাকরি ব্যবসা নির্দেশ করে ।
একাদশ ঘর লাভ , লালসার ঘর ।
দ্বাদশ ঘর আশীর্বাদ বা অভিশাপের ঘর । মানুষ কি সুখ দুঃখ পাবে তার নির্দেশ করে
सूर्य मीन राशि में आपके 4 जी भाव में स्थित है
इस अवधि में आपको मेहनत करनी पड़ेगी जो आप कर नहीं पायेंगे। लगातार किया गया कड़ा परिश्रम थका भी शीघ्र देगा और कार्य क्षमता भी कम हो जायेगी। बुरे कार्यों में प्रवृती रहने की आपकी चेष्टा रहेगी। मां बाप का बुरा स्वास्थ्य चिन्ताग्रस्त रखेगा। कार या कोईवाहन बहुत तेजी से न चलाएं।
चंद्र मेष राशि में आपके 5 जी भाव में स्थित है
यह वह समय है जब आपकी योजनाएं सफलीभूत होंगी। अपनी सृजनात्मक बुद्धि के कारण आप सफल होंगे। प्रणय एवम् प्रेम संबंधों के लिहाज से भी यह अच्छा समय है। आपकी सारी जरूरतें पूर्ण करने के लिये मित्र तत्पर रहेंगे। आपके लेखन की लोग सराहना करेंगे।
मंगल धनु राशि में आपके 1 ेज भाव में स्थित है
इस अवधि में मिले जुले फल मिलेंगे। आपकी इच्छाओं के विपरीत परिणाम हो सकते हैं इसलिये फल के प्रति अधिक उत्साह दिखाने वाली प्रवृति पर नियंत्रण रखें। छोटी मोटी बीमारी या हल्की दुर्घटना होने की संभावना भी है। जोखिम उठाने या सट्टेबाजी के लिये यह समय श्रेयस्कर नहीं है। पारिवारिक झंझटों के कारण मानसिक शांति भंग हो सकती है।
बुध मीन राशि में आपके 4 जी भाव में स्थित है
इस अवधि में आपके अन्दर बैठी हुई व्यवसाय कि सहज योग्यता विकास प्राप्त करेगी। आपकी व्यवहार बुद्धि और समीक्षात्मक दृष्टि चैतन्य रहेगी। आप बहुत सलीके से काम करेंगे। सुखी रहेंगे और साधारण तौर पर प्रसन्नता प्राप्त होगी। अपनी कर्मठता से आप बहुत लाभ उठायेंगे। पारिवारिक वातावरण सौमनस्यपूर्ण रहेगा। माता पिता से संबंध मधुर रहेंगे। विलास सामग्री पर व्यय करेंगे। संचार माध्यम से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। शुभ संस्कार भी मनाया जा सकता है।
गुरु तुला राशि में आपके 11 जी भाव में स्थित है
इस अवधि मे आप काफी उत्साह सुख पूर्ण होंगे। यह समय बेहद अच्छा बीतेगा। विदेशियों या सुदूर स्थलों पर रहने वाले लोगों से आपके संबंिधत सौमनस्यपूर्ण रहेंगे। नये उद्यमों के साथ आपके सम्बंद्ध रहेंगे। भाई बहन भी इस अवधि में खुशहाल रहेंगे। यदि आप किसी प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा में भाग ले रहें हैं तो अवश्य सफल होंगे। इस अवधि के दौरान आप समाधि इत्यादि में दिलचस्पी रखेंगे। आपकी स्पष्ट रूप से वृती दार्शनिक रहेगी।
शुक्र मीन राशि में आपके 4 जी भाव में स्थित है
यह समय बड़े आराम से कटेगा। प्रतिष्ठा पद वृद्धि होगी और आमदनी भी बढे़गी। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। नफे का सौदा होगा। परिवार में एक प्रकार का सम्मेलन होगा जिसमें सब लोग इकट्ठे होंगे। यात्राओं से भी अच्छे समाचार मिलेंगे। विरोधी नुकसान नहीं पहुंचा पायेंगे। परिवार में सदस्यों की संख्या में बढोत्तरी की संभावना है। प्रयत्नों में सफलता मिलेगी। आपकी माता आपको पूरा सहयोग देंगी। हर लिहाज से यह समय अच्छा है।
शनि धनु राशि में आपके 1 ेज भाव में स्थित है
आपके हर काम में अड़चनें आएगी और देरी होगी। कभी कभी असुरक्षा की भावना से आक्रान्त रहेंगें। काम का बोझ बहुत रहेगा और फालतू के कामों में भी आप फंसे रह सकते हैं। आपका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहेगा। पारिवारिक जीवन सुखद नहीं रहेगा। रिश्तेदारों के स्वास्थ्य के कारण आप चिन्तित रह सकते हैं। भागीदारों या सहयोगियों की लापरवाही के कारण आपको धक्का पहुंच सकता है। वैसे इस अवधि का आखिरी हिस्सा आपको कुछ राहत देगा। आशावादी होना निराशावादी होने से सदैव अच्छा है।
राहु कर्क राशि में आपके 8 जी भाव में स्थित है
इस अवधि के दौरान दुर्घटनायें मानसिक शांति भंग कर सकती हैं। प्रयासों में असफलता ही हाथ लगेगी। आपके भ्रम भयकारी मनोविकृति बन सकते हैं। आपकी साथी का बर्ताव आपको असहनीय मालूम पड़ेगा। धन्धे / व्यापार में भी काम अच्छा नहीं चलेगा। कुछ न कुछ परेशानियां आपको सदैव घेरे रहेंगी। स्वास्थ्य की समस्याओं के कारण आप सही प्रकार से अपने वचन नहीं निभा पायेंगे। गूढ विज्ञान की ओर आपकी रूचि जागृत होगी और कुछ अतीन्द्रिय अनुभव भी प्राप्त कर सकते हैं।
केतु मकर राशि में आपके 2 दक भाव में स्थित है
गन्दी भाषा बोलने के कारण अपने लोगों से भी आपकी दुश्मनी होने की संभावना है। इसलिये आपको अपनी वाणी पर पूरा नियंत्रण रखना चाहिए। खास तौर पर उन लोगों के प्रति जिनसे आपकी घनिष्टता है। नहीं तो गलतफहमी हो जायेगी। पैसे रूपये की हानि होने की संभावना है। अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ आपके निर्वाह में मुश्किलें पेश आयेंगी। इस अवधि में कोई नये उघम न शुरू करें। इसी माह में आपके व्याधिग्रस्त होने की भी संभावना है। आत्मविश्वास की कमी आपमें स्पष्ट परिलक्षित होगी। यात्राओं का कोई व्यवहारिक अर्थ नहीं निकलेगा। साधारण तौर पर यह समय आपके लिये अच्छा नहीं है क्योंकि आत्मीय जन भी काफीदूर हो जायेंगे।










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